19 . सर्पासन

यह आसन सर्प की एक विशेष मुद्रा के अनुरूप होता है , इसलिए इसे सर्पासन कहा जाता है ।




 प्रायोगिक विधि - भूमि पर आसन बिछाकर पेट के बल लेट जाइए । दोनों हाथों की उँगलियों को एक - दूसरे में फंसाकर पीछे की ओर खींचें । साँस भरते हुए गर्दन और टाँगों को ऊपर उठाकर पेट के सहारे दाएँ - बाएँ रोल करें । फिर शिथिलासन में विश्राम करें ।

सर्पासन में ध्यान - यह एक शारीरिक व्यायाम का आसन है । इसमें ध्यान नहीं लगाया जाता ।

लाभ - कब्ज , बदहजमी , वायुविकार आदि को दूर करके यह मोटापा कम करता है । पेट को चिकना और सुडौल बनाता है ।

सावधानिया-
1 . सिर उत्तर की ओर करके यह आसन न लगाएँ ।