आपने कभी किसी कुत्ते या बिल्ली को सोते हुए देखा है । ये दो प्रकार से सोते हैं । एक तो चारों पैरों को फैलाकर करवट लेटकर , दूसरे सर को टाँगों में छपाकर गुंजल बनाकर । यह सम्पूर्ण विश्राम प्राप्त करने का उत्तम साधन है । यह शरीर की सभी ग्रंथियों को विश्राम देता है । आलस्य और अतिनिद्रा को दूर करने के लिए यह एक उत्तम आसन है ।
प्रायोगिक विधि -
1 . आसन पर बाँयी या दाई करवट लेट जाएँ । दोनों बाजुओं को तानकर कंधों से 90° का कोण बनाते हुए सामने फैलाएँ । टाँगों को भी इसी प्रकार मोड़ते हुए जाँघों के जोड़ से 90° का कोण बनाते हुए सामने फैलाएँ । सर को सीधा करके साँस लेते हुए आँखें बन्द कर लें ।
श्वान आसान - 2
2 . आसन पर घुटनों को मोड़कर लेट जाएँ । सर को गर्दन से झुकाते हुए । बाहों से चेहरे को छुपाते हुए कुहनी मोड़कर सर घुटनों में छुपा लें ।
श्वानासन में ध्यान - इस अवस्था में मस्तिष्क की शान्ति के लिए ध्यान किया जाता है ।
लाभ - इससे शरीर की थकावट दूर होती है । अनिद्रा , अजीर्ण आदि रोगों को दूर करने में यह आसन अत्यन्त लाभप्रद है । इससे मस्तिष्क को भी विश्राम मिलता है ।
सावधानियाँ-
1 . सिर को उत्तर दिशा में रखकर आसन न लगाएँ ।
2 . किसी भी पेशी , स्नायु एवं अंगों पर तनाव न डालें ।
प्रायोगिक विधि -
1 . आसन पर बाँयी या दाई करवट लेट जाएँ । दोनों बाजुओं को तानकर कंधों से 90° का कोण बनाते हुए सामने फैलाएँ । टाँगों को भी इसी प्रकार मोड़ते हुए जाँघों के जोड़ से 90° का कोण बनाते हुए सामने फैलाएँ । सर को सीधा करके साँस लेते हुए आँखें बन्द कर लें ।
श्वान आसान - 2
2 . आसन पर घुटनों को मोड़कर लेट जाएँ । सर को गर्दन से झुकाते हुए । बाहों से चेहरे को छुपाते हुए कुहनी मोड़कर सर घुटनों में छुपा लें ।
श्वानासन में ध्यान - इस अवस्था में मस्तिष्क की शान्ति के लिए ध्यान किया जाता है ।
लाभ - इससे शरीर की थकावट दूर होती है । अनिद्रा , अजीर्ण आदि रोगों को दूर करने में यह आसन अत्यन्त लाभप्रद है । इससे मस्तिष्क को भी विश्राम मिलता है ।
सावधानियाँ-
1 . सिर को उत्तर दिशा में रखकर आसन न लगाएँ ।
2 . किसी भी पेशी , स्नायु एवं अंगों पर तनाव न डालें ।