चंद्रभेदी प्राणायाम

चंद्रभेदी प्राणायाम की विधि 
– किसी भी शांत एवं स्वच्छ वातावरण वाले स्थान पर सुखासन में बैठ जाएं। अब नाक के बाएं छिद्र से सांस अंदर खींचें। पूरक अथवा सांस धीरे-धीरे गहराई से लें। अब नाक के दोनों छिद्रों को बंद करें। अब सांस को रोक लें (कुंभक करें) फिर थोड़ी देर बाद नाक के दाएं छिद्र से सांस छोड़ दें। यही क्रिया कम से कम 10 बार करें।
(एक ही दिन में सूर्य भेदन प्राणायाम और चंद्र भेदन प्राणायाम न करें)


चंद्र भेदन प्राणायाम के लाभ 
– मन के स्वामी, भगवान् शिव के सिर पर विराजने वाले चन्द्र भगवान् की रहस्यमयी जीवनी शक्तियों का शरीर में संचार होता है !
– शरीर में शीतलता आती है और मन प्रसन्न रहता है। पित्त रोग में फायदा होता है। यह प्राणायाम मन को शांत करता है और क्रोध पर नियंत्रण लगाता है। अत्यधिक कार्य होने पर भी मानसिक तनाव महसूस नहीं होता। दिमाग तेजी से कार्य करने लगता है। हाई ब्लड प्रेशर वालों को इस प्राणायाम से विशेष लाभ प्राप्त होता है।