गायंत्री मंत्र का महत्व क्या है ? आखिर क्या है गायंत्री मंत्र का वैज्ञानिक आधार?

गायत्री मंत्र दुनिया का सबसे प्रसिद्ध एवम शक्तिशाली मंत्र है। गायंत्री मंत्र के जाप से शरीर पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन विश्वभर के वैज्ञानिक कर चुके है और अभी भी इस मंत्र पर कई अध्यक्ष कार्य चल रहे है। आप इस पोस्ट में गायंत्री मंत्र के पढ़ने से होने वाले फायदे के बारे में जानेंगे। जिसकी पुष्टि AIIMS में हुई एक रिसर्च द्वारा की जा चुकी है

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

भारत को आर्यवर्त के नाम से भी विश्वभर में जाना जाता है। आर्यवर्त से तात्पर्य है एक ऐसा स्थान जहाँ आर्य निवास करते है। आर्य का शाब्दिक अर्थ सर्वश्रेष्ठ होता है एवं उन लोगो से है जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ है। प्राचीन भारत मे गुरुकुल में शिक्षार्थियों द्वारा नियमित गायत्री मंत्र का पाठ कराया जाता था। जिससे उनके मस्तिष्क का विकास होता था। चाहे आपको अभी ये अंधविश्वास लग रहा हो लेकिन हम आपको आधुनिक विज्ञान के नए शोध के आधार पर आपको यह बताएंगे कि किस प्रकार गायत्री मंत्र के पाठ से मस्तिष्क का विकास होता है।

                        अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 1998 से एक शोध जारी है। जिसमे उन्होंने गायत्री मंत्र के पाठ से शरीरी में होने वाले परिवर्तन का पता लगाया । AIIMS ने अपने शोध में पाया कि दिमाग का एक हिस्सा जिसे PREFRONTAL CORTEX के नाम से जाना जाता है। गायत्री मंत्र के पाठ से PREFRONTAL CORTEX का समुचित विकास होता है। PREFRONTAL CORTEX का काम योजनाए बनाना, समस्याओ का समाधान करना और जागरूक रहना होता है। मनुष्य की तार्किक शक्ति PREFRONTAL CORTEX पर ही निर्भर रहती है।
AIIMS ने अपने शोध में यह भी बताया कि गायत्री मंत्र के उच्चारण से GABA नामक रसायन मस्तिष्क में तेजी से बनने लगता है। GABA खुशी के वक्त पैदा होने वाला रसायन है। यदि किसी के शरीर मे GABA नामक रसायन ठीक से नही बनता तो उस व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ता है जैसे कि अत्यधिक तनाव(ANXIETY), अनिन्द्रा(INSOMNIA) एवं अन्य प्रकार की मानसिक समस्याओं से झूझना पड़ता है। अगर सरल शब्दों में कहे तो गायत्री मंत्र के उच्चारण से तनाव और अनिन्द्रा जैसी अन्य मानसिक समस्याए दूर होती है।


गायत्री मंत्र के फायदे 

  1. स्मरण शक्ति बढ़ती है। 
  2. चेहरे पर निखार आता है। 
  3. हार्मोन का संतुलन बना रहता है। 
  4. मस्तिष्क का विकास होता है एवं तार्किक शक्ति का विकास होता है।