जब भी उपवास करने की बात आती है तो अधिकांश लोग इसे धार्मिक मान्यता के साथ जोड़ लेते है। लेकिन भारतीय सभ्यता व संस्कार, जिसे हम सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के नाम से जानते है , वह पूर्णतः विज्ञान पर आधारित धर्म है| सनातन धर्म में प्रत्येक परंपरा और क्रियाओं का महत्व है| ऐसी ही एक परंपरा है उपवास रखना। उपवास रखने के धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक फायदे भी है, जिससे वर्तमान पीढ़ी बिल्कुल भी परिचित नहीं है। उपवास तरह-तरह के हो सकते है और हर र्व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार उपवास रख सकता है। उपवास करना केवल ईश्वर की आरधाना मात्रा ही नहीं है। उपवास मानव या मनुष्य के लिए एक औषधि की तरह भी है जो उसे अनेक तरह की बिमारियों (Diseases) और विकारो (Disorders) से दूर करता है| भारतीय सभ्यता में ऐसी परंपरा थी कि हर व्यक्ति को सप्ताह में उपवास करना आवश्यक था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा इसे अन्धविश्वास का नाम दे दिया गया| जिसके कारण इसका प्रभाव समाज में कम हो गया। आयुर्वेद और शास्त्रो के अनुसार व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन तो उपवास करना ही चाहिए। दोस्तो, आइये अब हम जानते है कि उपवास करना क्यों जरुरी है:-
(1) पाचनतंत्र की समस्या
दुनिया में अधिकांश लोग पाचन तंत्र(Digestive System) की समस्या से जुझ रहे है। Acidity, Constipation(कब्ज), gas, व अन्य प्रकार के Digestive disorders को दूर करने का रामबाण इलाज़ है।
(2) सकारात्मकता
ईश्वर की आराधना या ध्यान करने से सकारात्मक भावना बढ़ती है और नकारात्मक भावना और विचार दूर हो जाते है। सकारात्मक विचारों के कारण मन में उत्साह और उमंग बनी रहती है। उत्साह और उमंग सफलता प्राप्त करने के लिए अत्यन्त आवश्यक होते है।
(3) सहनशीलता और दृढ़ता
उपवास रखने वाले व्यक्ति को इधर-उधर की अनावश्यक चीजों से दूर रहना पड़ता है। उपवास के दौरान व्यक्ति अन्न का त्याग करता है और भुख लगने पर भी उसका सेवन नहीं करता है, जिसके कारण उपवास करने वाले व्यक्ति के मन में सहनशीलता और दृढ़ता के भाव का विकास होता है।
(4) हॉर्मोन्स(Hormones) का संतुलन
अभी हमने जाना कि उपवास करने से सकारात्मक भावना की वृद्धि होती है और वैज्ञानिकों का मानना है कि सकारात्मक भाव के कारण हॉर्मोन्स(Hormones) का रिसाव(Secretion) सामान्य बना रहता है, वहीँ दूसरी और नकारात्मकता और अत्यधिक तनाव के कारण हॉर्मोन्स(Hormones) का संतुलन बिगड़ जाता है।
(5) आध्यात्मिक लाभ
उपवास करने वाले ईश्वर की आराधना किये बिना अपना उपवास नहीं खोलते है। जिसके कारण उनमे श्रद्धा और सबुरी की भावना आती है। जब हम ईश्वर की आराधना करते है तो हमें एकाग्रता और शांति से करनी होती है। इसके कारण ईश्वर की आराधना करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, मन इधर-उधर नहीं भटकता और मन म शान्ति बानी रहती है।
(6) कर्क रोग (Cancer) से मुक्ति
एक नए शोध के अनुसार, उपवास करने वाले लोगो में cancer होने की संभावना 90% तक कम रहती है | अनावश्यक रूप से कोशिकाओं की वृद्धि ही cancer होता है | उपवास करने से कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि (unwanted growth) नही हो पाती जिसके कारण नियमित उपवास करने वाले लोगो मे कर्क रोग (Cancer) होने की संभावना कम हो जाती है।