क्यो जरूरी है ब्रह्मचर्य का पालन करना ? ब्रह्मचर्य के फायदे है आश्चर्यजनक।



हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य के संपूर्ण जीवनकाल को चार आश्रम में विभक्त किया गया है जैसे कि ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम , वानप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम। इन सभी आश्रमों में सबसे  महत्वपूर्ण आश्रम है, ब्रह्मचर्य आश्रम। ब्रह्मचर्य आश्रम की शुरुआत मानव जीवन मे ८ वर्ष की उम्र से होती है और इसका पालन हमे २२ से २५ वर्ष की तक करना होता है। हर व्यक्ति के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना अतिआवश्यक होता है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अजकल की युवा पीढ़ी ब्रह्मचर्य से अपरिचित है  । वैज्ञानिक भी ब्रह्मचर्य से मानव शरीर पर पढ़ने वाले प्रभावो के बारे में अध्ययन कर रहे है लेकिन इन बातों का वर्णन पहले से ही हमारे शास्त्रो में उपलब्ध हैं।



 क्या होता है ब्रह्मचर्य

बहुत से लोगो का ऐसा मानना है कि ब्रह्मचर्य का मतलब सिर्फ और सिर्फ संभोग (सेक्स) से दूर रहना है बल्कि  ब्रह्मचर्य का आशय एक अनुशाषित जीवन से है। ८वर्ष से २२वर्ष की उम्र को विज्ञान (science) की भाषा मे विकास की उम्र ( Growing Age) कहा जाता है। इस उम्र के दौर में शरीर मे बहुत से हार्मोनल चेंज होते है जो कि शारिरिक और बौद्धिक विकास के लिए अतिआवश्यक होते है। ब्रह्मचर्य के दौरान नियमित योग व्यायाम करना चाहिए   और गलत आदतों से दूर रहना चाहिए ताकि समुचित शारिरिक विकास हो सके।


ब्रह्मचर्य के फायदे

1. त्वचा पर चमक रहती है और चेहरा आकर्षक लगता है।
2. स्मरण शक्ति बढ़ती है ।
3. शारीरिक ऊर्जा का संग्रह होता है और शरीर बलवान बनता है।
4. शरीर किसी भी काम को करने में जल्दी नही थकता और कार्य क्षमता(Stamina) बढ़ता है।
5. सेक्सुअल डिसऑर्डर (Sexual Disorders) जैसे कि वीर्य की कमी(Low Sperm Count) , शीघ्रपतन , महिलाओ में सफ़ेद पानी आदि जैसी समस्याओं का सामना नही करना पड़ता।
 6. मनुष्य दीर्घायु होता है।


कैसे करे पालन

1 गलत विचार आने पर एकांत का त्याग कर।
2 उकसाने वाले दृश्य से दूर रहे एवं मस्तिष्क में ऐसे विचार ना आने दे।
3 गर्म पदार्थो के अत्यधिक सेवन से बचें जैसे कि चाय , कॉफी , कोल्ड्रिंक्स इत्यादि।
4 पेशाब करने के बाद अपने लिंग या योनि को ठंडे पानी से धोएं।
5 लंगोट पहनने की आदत डालें।