ॐ केवल शब्द मात्र नही है , जानिए ॐ के रहस्य और लाभ क्या है।




जैसा कि हम सभी जानते है कि हिन्दू संस्कृति पुर्णतः विज्ञान पर आधारित है। हिन्दू धर्म योग का जनक है और ॐ को इसका अभिन्न अंग मानता है। ॐ केवल एक शब्द मात्र नही है अपितु इस समस्त संसार का सार है। आध्यत्म ही नही , आधुनिक विज्ञान भी ॐ के चमत्कारों से आश्चर्यचकित है। शोधकर्ताओं ने अपनी शोध के परिणामो में पाया कि ॐ से हर बीमारी का इलाज संभव है और इसके नियमित उच्चारण से मनुष्य रोग मुक्त होता है।

 ॐ का उच्चारण कब और कैसे करे :

ॐ के उच्चारण के लिए हमेशा खुले एवम शांतिपूर्ण वातावरण का चयन करें। प्रतिदिन सुबह या शाम को खाली पेट ॐ का उच्चारण करना चाहिए । कुछ भी खाने के तुरंत बाद ॐ का उच्चारण करना वर्जित है।

1) एकाग्रता

    ॐ के उच्चारण से हमारी एकाग्रता एवम स्मरण शक्ति बढ़ती है और मस्तिष्क का विकास होता है। जो लोग ज्यादा याद नही रख पाते है या जिन्हें बार बार भूलने की आदत हो उन्हें नियमित रूप से पांच से दस मिनट तक ॐ का उच्चारण करना चाहिए साथ ही ध्यान भी लगाना चाहिए।

2) पाचन शक्ति

  ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति बढ़ती है जो कि शरीर के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक भी है। ॐ के उच्चारण से आंतों की सोखने की क्षमता बढ़ती है जिससे न्यूट्रिशन की कमी दूर होती है। अगर कुपोषित बच्चो को ॐ का उच्चारण कराया जाए तो उनका भी विकास तीव्र गति से होने लगता है।


 3) आत्मशांति

  भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति तनाव में नजर आने लगा है । मानसिक तनाव के कारण मनुष्य अपनी क्षमताओं को खोता जा रहा है और यही तनाव मानव शरीर को बीमारियों का घर बना देता है इसीलिए तो कहते है कि चिंता ही चिता का कारण होती है। प्रतिदिन ॐ के उच्चारण से मानसिक तनाव कम होता है तथा आत्मशांति की अनुभूति होती है। मन शांत रहता है साथ ही जिन लोगो अपने गुस्से पर नियंत्रण नही होता उन्हें गुस्से को काबू में करने में आसानी होती है।

 4) घबराहट करे दूर

  ॐ के उच्चारण से घबराहट तथा एंग्जाइटी जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिलता है । ॐ का नियमित उच्चारण से होर्मोन का संतुलन बना रहता है जिससे कि उच्च रक्तचाप , घबराहट , हाइपरटेंशन जैसी तकलीफें जल्द ही दूर हो जाती है।

5) फेफड़ो का विकास होता है

 ॐ के उच्चारण मात्र से ही फेफड़ो की क्षमता बढ़ती है और फेफड़ो की ऑक्सिजन को सोखने की क्षमता बढ़ती है जिससे बॉडी का मेटाबॉलिज्म सुचारू ढंग से चलता है। ॐ के उच्चारण से श्वशन रोग नही होते है।

6) थाइरोइड की समस्या

  ॐ का उच्चारण करने से गले मे वाइब्रेशन होते है जिसके कारण थाइरोइड ग्रंथि सुचारू ढंग से कार्य करती है है और हमेशा स्वस्थ बनी रहती है जिसके कारण थाइरोइड से उत्पन्न होने वाली समस्याओं और बीमारियों का डर बिल्कुल भी नही होता है।