हमने बहुत सी Websites और Blogs का अध्ययन करा जो की हस्तक्रिया के बारे में अपनी राय प्रकट कर रही थी| उनका यह मानना है की हस्तक्रिया एक प्राकृतिक किया है और इसका मानव शरीर पर कोई दुषप्रभाव(Side Effects ) नही होते है|उनका तो यह भी कहना है कि हफ्ते में 2 से 3 बार हस्त क्रिया कोई नुकसान नही पहुचाता है | यही नही दोस्तो , बहुत सी वेबसाइट्स तो हस्त क्रिया के फायदे भी गिनाती है |हमारी माने तो आप उन सभी वेबसाइट्स का भरोसा करना छोड़ दीजिये क्योंकि ये सभी वेबसाइट्स युवाओ को एक गलत दिशा दे रही है लेकिन अफसोस की बात यह है की हमारे देश के युवा आजकल बेहद आसानी से इन वेबसाइट्स पर भरोसा कर लेते है | इस सिर्फ इसलये हो रहा है कि हमारे देश में Sex Education पर कोई खुल कर चर्चा करना पसंद नहीं करता है |
हमने हस्त क्रिया और इससे होने वाले दुषप्रभाव के बारे में अध्ययन किया जिसका परिणाम आश्चर्य जनक निकला| भारतीय शाश्त्रो के अनुसार हस्त क्रिया को किशोरअवस्था में करना वर्जित है | भारतीय सभ्यताओं में ब्रह्मचर्य के पालन और वीर्य के सरंक्षण पर बहुत जोर दिया जाता है|क्योंकि वीर्य केवल रसायन मात्र नही है बल्कि यह हमारे शारीरिक एक मानसिक विकास में एक अहम भूमिका निभाता है , तो आइये जानते है वीर्य एवं इसके सरंक्षण के पीछे छुपे विज्ञान को ......................
जब कोई भी लड़का या लड़की 13 वर्ष के हो जाते है तब उनके शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते है जो कि विज्ञान की दृष्टि से एक विकास का कारण होता है| इन हॉर्मोन्स की वजह से ही लड़का ओर लड़की के शरीरी में शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है | लड़की के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन्स के रिसाव के कारण उनके शरीर में सेक्स ऑर्गन्स का विकास होने लगता है जैसे की स्तनों के आकार में वृद्धि , योनि द्वार का बढ़ना आदि परिवर्तन देखे जा सकते है|वही लड़के के शरीर में टेस्टोस्ट्रोन नामक हॉर्मोन के कारण शरीर की मांशपेशियां और प्रजनन अंग यानी कि शिश्न के आकर में भी वृद्धि होने लगती है | इन हॉर्मोन्स के कारण शरीर में विभिन्न जगहों पर बाल उगने लगते है|इन हॉर्मोन की कमी एवम ना बनने के कारण शरीर जल्द ही बूढ़ा हो जाता है|
हॉर्मोन्स शारीरिक एवं मानसिक विकास में एक अहम भूमिका निभाते है | जब कोई हस्त क्रिया की प्रक्रिया को दोहराता है तब उसके शरीर से , वीर्यस्खलन द्वारा सात प्रकार के तत्वों की हानि होती है जो कि शारीरिक विकास में एक बहुत बड़ी बाधा बन जाता है|
1. इससे हड्डियां (bones) एवं मांसपेशिया (muscles) कमजोर होती है|
2. शरीर में स्टैमिना नही रहता और जल्द ही थकने लगता है|
3. इससे प्रजनन शक्ति (reproductive health) दुर्बल हो जाती है | अगर हस्त क्रिया की अत्यधिक लत पड़ जाए तो यह पुरुष एवं स्त्री को नपुंसख भी बना देती है|
4. हस्तक्रिया के कारण शरीर के अंगों का विकास सही ढंग से नही हो पाता जैसे कि पुरुष में प्रजनन अंग में छोटापन और टेड़ापन।
5. हस्त क्रिया से आंखे कमजोर होती है और अंधापन आने की भी संभावना रहती है|
6. अत्यधिक हस्तक्रिया के कारण बहुत से लोग विस्मृति का भी शिकार हो जाते है|
7. हस्तक्रिया महिलाओ को भी नुकसान पहुचाता है|
8. हस्तक्रिया से महिलाओ में सफेद पानी, स्तनों का आकार छोटा रह जाना , अत्यधिक दुबलापन जैसी समस्याए उत्पन्न हो जाती है|
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हमने हस्त क्रिया और इससे होने वाले दुषप्रभाव के बारे में अध्ययन किया जिसका परिणाम आश्चर्य जनक निकला| भारतीय शाश्त्रो के अनुसार हस्त क्रिया को किशोरअवस्था में करना वर्जित है | भारतीय सभ्यताओं में ब्रह्मचर्य के पालन और वीर्य के सरंक्षण पर बहुत जोर दिया जाता है|क्योंकि वीर्य केवल रसायन मात्र नही है बल्कि यह हमारे शारीरिक एक मानसिक विकास में एक अहम भूमिका निभाता है , तो आइये जानते है वीर्य एवं इसके सरंक्षण के पीछे छुपे विज्ञान को ......................
क्या है किशोरावस्था
जब कोई भी लड़का या लड़की 13 वर्ष के हो जाते है तब उनके शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते है जो कि विज्ञान की दृष्टि से एक विकास का कारण होता है| इन हॉर्मोन्स की वजह से ही लड़का ओर लड़की के शरीरी में शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है | लड़की के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन्स के रिसाव के कारण उनके शरीर में सेक्स ऑर्गन्स का विकास होने लगता है जैसे की स्तनों के आकार में वृद्धि , योनि द्वार का बढ़ना आदि परिवर्तन देखे जा सकते है|वही लड़के के शरीर में टेस्टोस्ट्रोन नामक हॉर्मोन के कारण शरीर की मांशपेशियां और प्रजनन अंग यानी कि शिश्न के आकर में भी वृद्धि होने लगती है | इन हॉर्मोन्स के कारण शरीर में विभिन्न जगहों पर बाल उगने लगते है|इन हॉर्मोन की कमी एवम ना बनने के कारण शरीर जल्द ही बूढ़ा हो जाता है|
हस्तक्रिया एवं नुकसान
हॉर्मोन्स शारीरिक एवं मानसिक विकास में एक अहम भूमिका निभाते है | जब कोई हस्त क्रिया की प्रक्रिया को दोहराता है तब उसके शरीर से , वीर्यस्खलन द्वारा सात प्रकार के तत्वों की हानि होती है जो कि शारीरिक विकास में एक बहुत बड़ी बाधा बन जाता है|
हस्त क्रिया के नुकसान
1. इससे हड्डियां (bones) एवं मांसपेशिया (muscles) कमजोर होती है|
2. शरीर में स्टैमिना नही रहता और जल्द ही थकने लगता है|
3. इससे प्रजनन शक्ति (reproductive health) दुर्बल हो जाती है | अगर हस्त क्रिया की अत्यधिक लत पड़ जाए तो यह पुरुष एवं स्त्री को नपुंसख भी बना देती है|
4. हस्तक्रिया के कारण शरीर के अंगों का विकास सही ढंग से नही हो पाता जैसे कि पुरुष में प्रजनन अंग में छोटापन और टेड़ापन।
5. हस्त क्रिया से आंखे कमजोर होती है और अंधापन आने की भी संभावना रहती है|
6. अत्यधिक हस्तक्रिया के कारण बहुत से लोग विस्मृति का भी शिकार हो जाते है|
7. हस्तक्रिया महिलाओ को भी नुकसान पहुचाता है|
8. हस्तक्रिया से महिलाओ में सफेद पानी, स्तनों का आकार छोटा रह जाना , अत्यधिक दुबलापन जैसी समस्याए उत्पन्न हो जाती है|